17/08/2018
“भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी “
अटल सत्य है अटल ब्रह्म है, अटल है पावन प्यार 
क्रूर काल से बचा न कोई, यह नश्वर संसार ||
जो आया इस दुनिया में वो आज नहीं कल जाएगा 
कितना जोर लगाले प्राणी रोक नहीं कोई पाएगा 
किन्तु अटल सा एक हुआ है और न बारम्बार ||
क्रूर काल से बचा न कोई यह नश्वर संसार ||
देश धर्म के लिए जिया और देश धर्म के लिए किया 
कभी बही कविता की धारा कभी व्यंग्य का गरल पीया 
युद्ध का पक्षधर कभी नहीं समझौते के पालनहार ||
क्रूर काल से बचा न कोई यह नश्वर संसार ||
जन-जन के जनसंघ का तारा अपनी धुन में आज मगन 
पोखरण कारगिल का प्यारा इनकी शान में खिला कमल 
धरा सिसकती आज हमारी बरसे गगन से जलद अपार ||
क्रूर काल से बचा न कोई यह नश्वर संसार ||
देश का अभिमान आप थे देश का स्वाभिमान भी आप 
अर्पण करती श्रद्धा सुमन हे भारत रत्न प्रणम्य हैं आप 
नतमस्तक आदर्शों पर दुनिया करती है जयजयकार ||
क्रूर काल से बचा न कोई यह नश्वर संसार ||
शकुंतला तरार 
प्लाट नं- 32,
सेक्टर- 2, एकता नगर, 
गुढ़ियारी, रायपुर
(छ.ग.)
