Thursday, January 29, 2015

महात्मा गांधी चो बिचार 30 जनवरी पुण्यतिथि

महात्मा गांधी चो बिचार ( हल्बी बोली में )

महात्मा गांधी चो बिचार  ए कि दूसर चो भीतरे चो गोठ के जानूँन संमझून हुनमान के नंगत बाट दखातो रहे . महात्मा गांधी भागवत गीता के पढुन सोज बाट  ने रेंगला आरू हामके बले हुनी बाट ने रेंगुतो काजे सिक्छा दिला . हुनमन सत आरू  अहिंसा माने काचोय जीव के नी दुखातो बिन लालच ने पडलो काम-बुता के करुक सिखाव्ला आरू महात्मा गांधी चो हुनी  सांगलो बाट ने आज हाम्चो देस आघे बढ़ेसे नंगत बाटने रेंगेसे .
 गांधी जी धरम के मानते रला मान्तर, धरम चो नांव ने पाप करतो के नंगत नी मानते रला हुन पाप के घुचाऊन, फिंगुन नंगत धरम के चलावतो बिचार करते रला कसन कि जमाय  धरम चो जड़ सत , मया, आरू काचोय मनुख  चो जीव  के नी दुखावतो के मानत.
हुनमन दूय ठान बिचार के  नी धरते रला , काय कि गागतो आरू हांसतो एके संगे नी होउक सके  हुसने मया आरू कोनी जीव के मारतो संगे नी होउक सके . गांधीजी आपलो देस ने  आन्दोलन के चलावला अंग्रेज मन संगे लडला आरू देस के आजाद कराउक कितरोय  हार जेल बले गेला . आपलो देस चो जिनिस के बावरा आरू  दुसर देस चो जिनिस के फिंगुन पकावा बलून सांगला .
महात्मा गांधी पूरे एउन  ''अंग्रेजों  भारत छोड़ो'' आन्दोलन के चलाऊन संघर्स करला आपलो संगवारी मन संगे गुने 15 अगस्त सन 1947 ( पन्दरा अगस्त सन ओनईस सव संयतालीस ) ने देस आजाद होली. हामी सुख चाहुंसे जाले हामके नंगत मनुख बनून रतोर आय. नंगत लुगा-कपड़ा  पींधतोर  आय, नंगत जिनिस खातोर आय, काचोय जीव के नी दुखातोर आय , गांधीजी चो बललो आरू सांगलो बाट के रेंगुन देस के हरीक उदीम बनावतोर  आय.
आजादी काय आय हामी नंगत ले जानलूं , हुनी काजे  जमाय  देसवासी परन  करूँ कि  गांधीजी चो बललो गोठ के फकत कागत आरू टोंड ने   नी धरुन  आपलो जीवना ने उतराऊं . जय हिन्द . महात्मा गांधी चो जय ---

Sunday, January 25, 2015

'' बस्तर की बोलियाँ और साहित्य


रायपुर साहित्य महोत्सव में '' बस्तर की बोलियाँ और साहित्य'' विषय पर बोलते हुए