Sunday, August 2, 2015

मितान -(मातृभूमि के लिए किसान का आह्वान करता यह गीत)

(मातृभूमि के लिए किसान का आह्वान करता यह गीत(
मितान 
सुनव-सुनव ग मोर मितान 
आवव आवव हो मोर मितान
देखाव देखाव गए मोर मितान
छत्तीसगढ़िया  बनिहार किसान ||

·        ए माटी ए माटी ए चोवा चंदन
मनखे करथे एला बंदन
जघा-जघा मा मंदिर देवाला 
 किसिम-किसिम के भाजी-पाला
मन ल मोहाये पुरईनपान 
छत्तीसगढ़िया बनिहार किसान||

·       गुरतुर-गुरतुर भाखा-बोली 
लागय जईसे मंदरस घोरी 
रामगिरि ले दंतेवाड़ा अउ
रायगढ़ ले खैरागढ़ तक
ओरी-ओरी सब्बो हे ठान 

छत्तीसगढ़िया बनिहार किसान||