Thursday, December 20, 2012

बेटियां


    एक ग़ज़ल आप सबके लिए .......20/12/2012  शकुंतला तरार 
                    ग़ज़ल  
घर के चमन को खूब सजाती हैं बेटियां 
दिल मे ख़ुशी के दीप जलाती  हैं बेटियां 
..
बेटी का जन्म होता है माँ  बाप के लिए 
खुद अपनी अस्मिता क्यूँ मिटाती  हैं बेटियां 
...
शोभायमान उनसे हैं दायित्व के दीये 
 कुल की परम्परा को निभाती हैं बेटियां 
..
है उनकी मेहनतों का कोई मोल ही नहीं 
दिन रात  फिर तो पिटती ही जाती हैं बेटियां 
...
कर्मों के आइनों में वो आदर्शवान हैं 
क्यूँ अपनी ये पहचान गंवाती हैं बेटियां 

Tuesday, December 18, 2012

vibhutiyon par संगोष्ठी

छत्तीसगढ़ की विभूतियों शहीद वीरनारायण सिंग , संत गुरु घासीदास, श्री हरी ठाकुर ,नगर माता बिन्नी बाई आदि पर आयोजित संगोष्ठी में मंच पर उपस्थित वक्तागन श्री आशीष ठाकुर, श्री शंकरलाल श्रीवास्तव , श्री लक्षमण मस्तुरिया,श्री सुखदेवराम साहू और मैं शकुंतला तरार कार्यक्रम का संचालन किया श्री सुशील यदु ने

"बिहनिया पत्रिका "



छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित बिहनिया पत्रिका का अंक दशम छापकर आ गया है गया हो की इस पत्रिका के प्रथम अंक से ही मैंने इसके सह संपादन का भार सम्हाला है .जिसमेंलेख चयन , प्रूफ से लेकर सेटिंग तक का काम बड़े मनोयोग से करती हु । इसका मुख पृष्ठ देखिये .....अभी एक नवम्बर को छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस पर इसका लोकार्पण किया गया है

Monday, December 17, 2012

माई की बगिया


दंतेवाडा स्थित दंतेश्वरी माई के मंदिर के पीछे माई की बगिया है उसी बगिया के कुछ सुहाने दृश्य ,....फूलों से सजा उद्यान और अस्ताचलगामी सूर्य की रश्मियाँ ...जी करता था यह पल यहीं रुक जाये और मैं इन दृश्यों को कैमरे में कैद करती रहूँ ....पल पल अस्त होता सूर्य ....शकुंतला तरार

प्रक्ख्यात पंडवानी गायिका पद्मभूषण तीजन बाई जी के साथ फुर्सत के लम्हे

मानव प्रकाशन द्वारा आयोजित काव्य संध्या में गीत प्रस्तुत करते हुए मैं शकुंतला तरार 17/12/ 2012
raipur
मानव प्रकाशन द्वारा आयोजित काव्य संध्या में गीत प्रस्तुत करते हुए मैं शकुंतला तरार 17/12/ 2012
raipur