बस्तर -----गीत 2
^^जंगली सौंदर्य**
बैलाडिला लौह अयस्क प्रोजेक्ट
ऊँचा नाम ऊँचा काम
नए नए लोग
अचानक
बस्तर में आना
उफ़!
ये जंगली सौंदर्य
परिणति
अनब्याही माँ
नाबालिग माँ ,
घरेलु काम के एवज में लुटी हुई अस्मत
दैहिक शोषण की शिकार बालाएँ
चंद टुकड़े रुपयों के
लुटी हुई अस्मत के बदले ठगी हुई मानसिकता
पुनः परिणति
दैहिक शोषकों से जबरिया ब्याह
अधिकारियों का स्थानांतरण,
तलाक,
अथवा पलायन
क्या बचा
गोद में बच्चे
तिरस्कार
उपेक्षा
परदेशियों द्वारा ठगी का शिकार
और
आज भी जारी है बदस्तूर
अधिकारियों के,
व्यापारियों के,
कुत्सित भावनाओं की ,
कुत्सित निगाहों की ,
घृणित मानसिकता की
फिर भी
वही भोलापन,
वही अल्हड़पन
और वही निर्द्वन्द्व,
निश्छल हँसी !