Monday, June 4, 2012

वृक्ष है जीवन


आज 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर फेसबुक के पाठकों और मित्रों के लिए एक गीत सन्देश के रूप में.......
      वृक्ष है जीवन
वृक्ष है जीवन ना हो प्रदूषण, वृक्ष बिना जग सून है,
ताल,तलैया, पोखर, नदिया, वृक्ष बिना सब सून है !!

वृक्ष है देता जल भूमि को, और देता हरियाली है

शुद्ध हवा और लकड़ी देता , और देता खुशहाली है

वृक्ष जो ना हो धरती पर,मानव संवेदनहीन है 

ताल,तलैया, पोखर, नदिया, वृक्ष बिना सब सून है !! 

जलचर जीवन सफल बनाते, वनचर निर्भय विचरण करते,

पंछी कलरव करते उड़ते, नभ में विहंगम दृश्य दिखाते,

वृक्ष सभी को मित्र बनाते, हत्या इनकी संगीन है,

ताल,तलैया, पोखर, नदिया, वृक्ष बिना सब सून है !! 

बरगद पीपल आम इमली, साल, शीशम, तेंदू, चार,

नीम, आँवला, जामुन, महुआ ,हमें सिखाते सद्व्यवहार

वृक्ष ना काटो सुनलो भैय्या, वृक्ष बिना हम दिन हैं, 

ताल,तलैया, पोखर, नदिया, वृक्ष बिना सब सून  है !!

पुरखों ने जो बिरवा रोपा,उसे संजोना काम हमारा,

शहर बसाने वन ना उजाड़ें, वृक्ष बचाना काम तुम्हारा,

बनेंगे बादल होगी वर्षा,, भोजन मिले दो जून है 

              ताल,तलैया, पोखर, नदिया, वृक्ष बिना सब सून है !!            
 शकुंतला तरार
"जय माँ  दंतेश्वरी" कहते हैं जब जब धरती पर पाप बढ़ने लगता हैअसुरों द्वारा हाहाकार मचाया जाता है , उनका संहार करने के लिए किसी न किसी देवी  या देवता का जन्म इस धरती पर होता है...फिर वह असुर  चाहे   तारका सुर हो ,महिषासुर हो, रावन हो, कंस हो, हिरन्यकश्यप  या  कोई और मगर लगता है  कि अब देवताओं ने कलयुग में जन्म लेना छोड़ दिया है  क्योंकि यहाँ तो असुरों की बाढ़  आई हुई है किसी भी शेत्र में इनकी  कमी   नहीं है... कभी पंजाब में सर उठाते आतंकवादी तो उड़ीसा,झारखण्ड , असम  के या फिर छत्तीसगढ़ के नक्सलवादी... ऊपर कश्मीर .के अलगाववादी ...बताइए तो भला कहाँ कहाँ जन्म लें बेचारे भगवन ..त्रिदेव सोच में हैं कहाँ,कैसे जन्म लें ?दुष्टों का संहार कैसे करें ? कैसे पृथ्वी पर शांति बहाल  हो ? नारद जी ने सुझाव दिया है सबसे पहले संसार से नेताओं को चुनो इन्हीं में से तुम्हें बहुत सारे  असुर मिल जायेंगे उन असुरों का  शासन ख़त्म करो तो राशन भी सस्ता होगा भाषण भी नहीं झेलना पड़ेगा मंहगाई से मुक्ति मिलेगी और आतंक मुक्त देश होगा अब जब से नारद जी ने त्रिदेवों को यह नेक सलाह दिया है त्रिदेव भी इस जुगाड़ में लगे हैं की हिंदुस्तान की खुशहाली के लिए नारद के वचन सत्य वचन हैं ..उसका पालन करना हम सब की भलाई और धरती के इंसानों की भलाई के लिए आवश्यक है ....