Wednesday, February 25, 2015

अब के फागुन

अब के फागुन ----
भंवरा के भुन भुन मा बन कुलकाए 
एती ओती नरवा नदिया निरझर बोहाए 
त खांधा मा बईठ के कुहकत हे कोइली 
जेन देखे माता जाए सुध बिसराए ||

Sunday, February 22, 2015

छत्तीसगढ़ी गीत -आमा मऊरागे -

''आमा मऊरागे''
आमा मऊरागे ना 
कोयली आज कुहके आमा डारी मा 

 पींयर सरसों हरियर पाना 
सरसों के फूल ह लिखत हे बाना 
नदिया नरवा मा ना 
मातगे  हे चिखला आमा डारी मा  
आमा मऊरागे ना 
कोयली आज कुहके आमा डारी मा 

मया जोरे के दिन ये आये  
नाता मितानी के दिन ये आये 
मया पीरित ह ना  
जीव लेवा होगे आमा डारी मा 
 आमा मऊरागे ना 
कोयली आज कुहके आमा डारी मा