Monday, June 4, 2012

"जय माँ  दंतेश्वरी" कहते हैं जब जब धरती पर पाप बढ़ने लगता हैअसुरों द्वारा हाहाकार मचाया जाता है , उनका संहार करने के लिए किसी न किसी देवी  या देवता का जन्म इस धरती पर होता है...फिर वह असुर  चाहे   तारका सुर हो ,महिषासुर हो, रावन हो, कंस हो, हिरन्यकश्यप  या  कोई और मगर लगता है  कि अब देवताओं ने कलयुग में जन्म लेना छोड़ दिया है  क्योंकि यहाँ तो असुरों की बाढ़  आई हुई है किसी भी शेत्र में इनकी  कमी   नहीं है... कभी पंजाब में सर उठाते आतंकवादी तो उड़ीसा,झारखण्ड , असम  के या फिर छत्तीसगढ़ के नक्सलवादी... ऊपर कश्मीर .के अलगाववादी ...बताइए तो भला कहाँ कहाँ जन्म लें बेचारे भगवन ..त्रिदेव सोच में हैं कहाँ,कैसे जन्म लें ?दुष्टों का संहार कैसे करें ? कैसे पृथ्वी पर शांति बहाल  हो ? नारद जी ने सुझाव दिया है सबसे पहले संसार से नेताओं को चुनो इन्हीं में से तुम्हें बहुत सारे  असुर मिल जायेंगे उन असुरों का  शासन ख़त्म करो तो राशन भी सस्ता होगा भाषण भी नहीं झेलना पड़ेगा मंहगाई से मुक्ति मिलेगी और आतंक मुक्त देश होगा अब जब से नारद जी ने त्रिदेवों को यह नेक सलाह दिया है त्रिदेव भी इस जुगाड़ में लगे हैं की हिंदुस्तान की खुशहाली के लिए नारद के वचन सत्य वचन हैं ..उसका पालन करना हम सब की भलाई और धरती के इंसानों की भलाई के लिए आवश्यक है ....

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