डॉ रमन सिंह --चांउर वाले बाबाजी ला मोर डाहर ले जय जोहार ----डॉ साहाब आपोमन ला चाउंर लेये बर परथे कि नहीं--- एला तो मंय आज तक ले गम नी पाय हववं --फेर बबा गा ए दरी दू रूपया ले ऊपर उठके अपन मध्यमवर्ग के बहिनी मन के घलो चिंता कर डारहु काबर की हमन चालीस ले ब्यालीस रूपया मा चांउर लेथन अउ चिंता के मारे मोटाय मरत हन। ....... शकुंतला तरार
Monday, December 9, 2013
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