गीत --शारदे ! माँ शारदे !.... शारदे ! माँ शारदे !
हे हंस वाहिनी मात शारदे भुवन मोहिनी वर दे
शब्द सेवा की शक्ति दे माँ
कर सकूँ मैं वो भक्ति दे माँ
स्वर हो ऐसा जो गा सकूँ मैं
कह सकूँ वो वाणी दे माँ
भुवन मोहिनी वर दे.……।
ज्ञान ऐसा दे जो समग्र हो
सत्य को मेरा मन जाग्रत हो
सदा रहे माँ मन में मेरे
साधना नव स्फूर्ति दे माँ
भुवन मोहिनी वर दे। ……।
शक्ति दे माँ भक्ति दे माँ
वाणी दे स्वर राग दे माँ
ज्ञान दे विज्ञान दे माँ
समृद्धि की मुस्कान दे माँ
मर्ज़ी तेरी जो कुछ भी दे माँ
किन्तु स्नेह की छाया दे माँ
भुवन मोहिनी वर दे। ……। शकुंतला तरार
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