मेघ फिर मुकर गए , पवन ठहर ठहर गए
शाखों के पात सभी, फिर हहर हहर गए
इन पंक्तियों के साथ ही आसाढ़ में सूखे की स्थिति पर काव्य पाठ कर के कार्यक्रम की अध्यक्षता की शकुंतला तरार ने उक्त अवसर था छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य मंडल रायपुर द्वारा आयोजित पावस की काव्य संध्या का ---कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. शीला गोयल , विशिष्ट अतिथि शंकरलाल श्रीवास्तव ,इंजी. अमरनाथ त्यागी हिंदी साहित्य मंडल के अध्यक्ष, के आलावा लतिका भावे सैयद नासिर अली, सुशील भोले, राजेन्द्र पांडे, राज कुमार मसंद के आलावा शहर के बहुत से कवि श्रोता उपस्थित थे-- सञ्चालन किया उर्मिला उर्मि ने.
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