Thursday, July 17, 2014

=सवनाही गीत = ''झिमिर-झिमिर झिमी बरसे बदरिया''

रिमझिम रिमझिम बारिश का सुहाना सफ़र ---अभी तुरंत ही एक छत्तीसगढ़ी गीत लिखा है आप सबके लिए --''शकुंतला तरार''           =सवनाही गीत =''झिमिर-झिमिर झिमी बरसे बदरिया'' 

झिमिर-झिमिर झिमी बरसे बदरिया टप-टप-टप पानी बरसत हे बरसत हे, बरसत हे, पानी बरसत हे झूमत हे पवन, कुलकत सब्बो झिन झूमत हे पवन, कुलकत सब्बो झिनखेत-खार मा, फसल झूमे, गाये सवनाही गान खोर गली हा चिखलाए, नंदिया बोहे उफान ददा गा दाई वो, भाई गा बहिनी वोममा दाई फूफू दाई बूढी दाई वो

1-किसम-किसम के फूल फूलत हे नाचत हे मधुबन नवा-नवा सब जामत हे कोला बारी मगन आवो जम्मो गावो जम्मो जुरमिल गीत ददरिया झूमत हे पवन, कुलकत सब्बो झिनझूमत हे पवन, कुलकत सब्बो झिनददा गा दाई वो, भाई गा बहिनी वोममा दाई फूफू दाई बूढी दाई वो

2--हमर कला अउ हमर संस्कृति ला, सगरी दुनिया जानिस कोस-कोस मा बोली-भाखा, माहात्तम ला चीन डारिस एला कहिथें, जम्मो झिन, कोसल देस के मनखे अन झूमत हे पवन, कुलकत सब्बो झिनझूमत हे पवन, कुलकत सब्बो झिन ददा गा दाई वो, भाई गा बहिनी वोममा दाई फूफू दाई बूढी दाई वोझूमत हे पवन, कुलकत सब्बो 

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