(मातृभूमि के लिए किसान का
आह्वान करता यह गीत(
मितान
सुनव-सुनव ग मोर मितान
आवव आवव हो मोर मितान
देखाव देखाव गए मोर मितान
छत्तीसगढ़िया बनिहार किसान ||
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ए माटी ए माटी
ए चोवा चंदन
मनखे करथे एला बंदन
जघा-जघा मा मंदिर देवाला
किसिम-किसिम के भाजी-पाला
मन ल मोहाये पुरईनपान
छत्तीसगढ़िया बनिहार किसान||
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गुरतुर-गुरतुर भाखा-बोली
लागय जईसे मंदरस घोरी
रामगिरि ले दंतेवाड़ा अउ
रायगढ़ ले खैरागढ़ तक
ओरी-ओरी सब्बो हे ठान
छत्तीसगढ़िया बनिहार किसान||
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