बस्तर पर कविता
“बस्तर की नारी”
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
8 मार्च
पार्लर से निकली
लिपी-पुती कुछ महिलाएं
बड़े-बड़े आयोजन करतीं
बड़े आयोजनों का हिस्सा बनतीं
मोमेंटो,
कागज का सम्मान पत्र
उपलब्धि के कुछ लाईन
समाज सेवा के खोखले उदाहरण - - -
वहीँ
बस्तर के बीहड़ों में
कभी नक्सल के नाम पर
जूझती
मारी जाती
आदिम नारी
कभी नक्सलियों के हाथों
मारी जाती
जंगल की वह नारी
भय के साए में जी रही
दिन–रात
किस आयोजन का हिस्सा बनेंगीं
कौन से सम्मान पत्र पर
इनका नाम लिखा जाएगा
अब के
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर
जवाब चाहती है
वह
बस्तर की नारी ||
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